दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि अगले साल जुलाई 2017 सेशन के लिए सरकारी स्कूलों में नए सिरे से गेस्ट टीचर्स की अपॉइंटमेंट की जाएगी। यही नहीं नए सिरे से होने वाले अपॉइंटमेंट प्रोसेस में उन्हीं टीचर्स को मौका मिलेगा, जिन्होंने सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास किया होगा। अभी सरकारी स्कूलों में करीब दो हजार ऐसे गेस्ट टीचर पढ़ा रहे हैं, जो सीटीईटी पास नहीं हैं लेकिन अगले साल से केवल सीटीईटी पास टीचर ही अप्लाई कर पाएंगे। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया की अभी सरकारी स्कूलों में करीब 17 हजार गेस्ट टीचर्स पढ़ा रहे हैं और वे मई 2017 तक के लिए नियुक्त किए गए हैं। उसके बाद मई- जून में नए सिरे से ऑनलाइन ऐप्लीकेशन प्रोसेस होगा और उसके आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी और टीचर्स को सिलेक्ट किया जाएगा।
बीते बुधवार को छत्रसाल स्टेडियम के बाहर गेस्ट टीचर्स के हंगामे के बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को यह बड़ा फैसला किया है। मौजूदा समय में पढ़ा रहे गेस्ट टीचर्स जुलाई 2014 से स्कूलों में काम कर रहे हैं और उन्हें हर साल अपॉइंटमेंट प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ता। 2014 से पहले हर साल गेस्ट टीचर्स को 10 महीने के लिए अपॉइंट किया जाता था, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने उस समय तय किया था कि जो टीचर पढ़ा रहे हैं, उन्हें ही कन्टिन्यू किया जाए। लेकिन अब गेस्ट टीचर्स के हंगामे के बाद सरकार ने अपने स्टैंड में बदलाव किया है और तय किया है कि अगले साल से नए सिरे से अपॉइंटमेंट प्रोसेस हो, ताकि पिछले दो सालों में जिन कैंडिडेट्स ने सीटीईटी क्लियर किया है, उन्हें भी मौका मिले। सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि नॉन सीटीईटी काफी टीचर्स रेस से बाहर हो जाएंगे, साथ ही नई मेरिट लिस्ट बनेगी और नये कैंडिडेट्स को मौका मिलेगा। सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने गेस्ट टीचर्स के लिए काफी लड़ाई लड़ी और सैलरी डबल से लेकर कैजुअल लीव तक के प्रावधान किए, लेकिन जिस तरह से गेस्ट टीचर्स ने छत्रसाल स्टेडियम के बाहर हंगामा किया। रिंग रोड जाम किया और जमकर नारेबाजी की, उसे देखते हुए सरकार ने यह तय किया है कि गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति के लिए जो पॉलिसी मौजूद है, उसे ही फॉलो किया जाए और टीचर्स को हर साल कन्टिन्यू करने के फैसले को सरकार ने आज रिव्यू किया। अधिकारी का कहना है कि सरकार ने स्कूलों की बेहतरी के लिए काफी कदम उठाए हैं और स्कूलों में पॉलिटिक्स बर्दाश्त नहीं की जा सकती, क्योंकि यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा मामला है। जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से 2017 में तीन साल के बाद एक बार फिर से गेस्ट टीचर्स के लिए अपॉइंटमेंट प्रोसेस होगा और निश्चित तौर पर पुराने गेस्ट टीचर्स की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि नए कैंडिडेट्स मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाएंगे और मौजूदा समय में पढ़ा रहे काफी गेस्ट टीचर्स रेस से बाहर हो सकते हैं।
इस तरह के फैसले के संकेत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीते गुरुवार को एक स्कूल के कार्यक्रम में दिए थे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा था कि गेस्ट टीचर्स की हरकत से वे बेहद दुखी हैं। डिप्टी सीएम ने कहा था कि पहले गेस्ट टीचर्स को हर साल हायर किया जाता था और 10 महीने फायर किया जाता था। उसके बाद बहुत से गेस्ट टीचर्स को जॉब नहीं मिल पाती थी, लेकिन आप सरकार ने पिछले दो साल से गेस्ट टीचर्स को नहीं हटाया और यह सुनिश्चित किया कि स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट टीचर्स को हर साल अपॉइंटमेंट प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ा, लेकिन अब सरकार ने नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
इस तरह के फैसले के संकेत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीते गुरुवार को एक स्कूल के कार्यक्रम में दिए थे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा था कि गेस्ट टीचर्स की हरकत से वे बेहद दुखी हैं। डिप्टी सीएम ने कहा था कि पहले गेस्ट टीचर्स को हर साल हायर किया जाता था और 10 महीने फायर किया जाता था। उसके बाद बहुत से गेस्ट टीचर्स को जॉब नहीं मिल पाती थी, लेकिन आप सरकार ने पिछले दो साल से गेस्ट टीचर्स को नहीं हटाया और यह सुनिश्चित किया कि स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट टीचर्स को हर साल अपॉइंटमेंट प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ा, लेकिन अब सरकार ने नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
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