केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के बीएड कॉलेजों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। अब इन कॉलेजों को अपने यहां कार्यरत शिक्षकों की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर देनी अनिवार्य होगी, जिसे टीचर इनफारमेशन फार्मेट नाम दिया गया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से बनाए गए इस पोर्टल पर कॉलेज के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, वाइस चांसलर का नाम, पता, शिक्षकों की जानकारी देनी होगी। यह जानकारी मंगलवार को चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में पहुंचे मानव संसाधन विकास मंत्रलय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल बीएन तिवारी ने दी।
पत्रकारों से बातचीत में तिवारी ने बताया कि एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से वर्ष 2010-11 में आल इंडिया पोर्टल बेस्ट सर्वे किया गया था। इसमें संबंधित एजूकेशन कॉलेज को सभी सूचनाएं देनी होती हैं। अब तक काफी बीएड कॉलेज इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे थे। इस बार शिक्षकों के लिए अलग प्रोफार्मा दिया गया है। इसे भरकर पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है। मंत्रलय की ओर से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की शुरुआत की हुई है, जो राज्यों व विश्वविद्यालय कॉलेज के लिए काम करती है और विकास के लिए ग्रांट देती है। इस सर्वे के माध्यम से आगे योजनाएं तैयार की जाती हैं। गत 30 दिसंबर से शुरू हुआ पोर्टल आगामी 30 अप्रैल तक चलेगा। मगर हरियाणा के कॉलेजों को 31 मार्च तक पूरी जानकारी देनी है, ताकि उसके बाद राज्य अपने स्तर पर इसका अवलोकन कर सकें।
हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग डिप्टी डायरेक्टर अरुण जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की तरह ही बीएड कॉलेज कैंपस भी वाई-फाई होने चाहिए। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। यदि बीएड कॉलेज अपना कैंपस वाई-फाई करवाना चाहते हैं तो वह विश्वविद्यालय को प्रपोजल भेजें। उसके बाद विश्वविद्यालय प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजेगा। उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों ने अब तक पोर्टल पर जानकारी देनी शुरू नहीं की है तो अपने आपको पोर्टल पर रजिस्टर्ड कर लें और जानकारी भरें।
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