हरियाणा भाजपा में चल रही बगावत के बीच सत्ता और संगठन की गतिविधियां तेज हो गई। सरकार में अपनी सुनवाई नहीं होने तथा अधिकारियों द्वारा काम नहीं करने के आरोपों के बीच जिन विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद किया हुआ है, उनके साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार राज्य मंत्रियों ने तार जोड़ लिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला जहां अपने ढंग से बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे, वहीं हाईकमान को भी नाराजगी की वजह के असल कारण गिनाए जा रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार सुबह दिल्ली के लिए अचानक रवाना हो गए। उनके सोमवार दोपहर तक वापस लौटने की संभावना है। दिल्ली में मुख्यमंत्री की पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की चर्चाएं हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला जहां अपने ढंग से बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे, वहीं हाईकमान को भी नाराजगी की वजह के असल कारण गिनाए जा रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार सुबह दिल्ली के लिए अचानक रवाना हो गए। उनके सोमवार दोपहर तक वापस लौटने की संभावना है। दिल्ली में मुख्यमंत्री की पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की चर्चाएं हैं।
प्रदेश भाजपा में चल रही इस रस्साकसी के बीच तमाम वे नेता सक्रिय हैं, जिनकी निगाह बरसों से मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर टिकी हुई है। पार्टी और सरकार में आजकल इन दोनों कुर्सियों को बचाने और छीनकर उन पर बैठने का खेल बड़ी तेजी के साथ खेला जा रहा है। 16 विधायकों द्वारा शुरू किए गए इस गेम में बजट सत्र और होली के बाद कई तरह के रोमांच आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में अपने ऊपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आशीर्वाद होने की बात कहकर साफ कर दिया कि वह किसी तरह के दबाव में आने वाले नहीं हैं। संघ को अपनी स्थिति से अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की खबर है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में अपने ऊपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आशीर्वाद होने की बात कहकर साफ कर दिया कि वह किसी तरह के दबाव में आने वाले नहीं हैं। संघ को अपनी स्थिति से अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की खबर है।
सूत्रों की मानें तो यह ठीक उसी तरह की लड़ाई है, जिस तरह की लड़ाई पिछले साल जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लड़ी गई थी। यानी बदलाव की लड़ाई। तब तख्ता पलट की तमाम कोशिश हुई थी। इस बार भी ऐसा ही माहौल बना हुआ है। हरियाणा के केंद्र में मौजूद तीनों केंद्रीय मंत्री परदे के पीछे रहकर इस खेल को खेलने में लगे हैं। प्रदेश की अगर बात करें तो मनोहर कैबिनेट में शामिल चार मंत्री भी खूब गोटियां चल रहे हैं। वे अपने-अपने ढंग से गोल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री का कहना है कि गोल पोस्ट अच्छा नहीं है।
गोल पोस्ट के इस खेल का असर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर भी पड़ सकता है। अध्यक्ष पद के लिए भी पार्टी में जबरदस्त लाबिंग चल रही है। कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी का विकल्प अभी से पार्टी तेजी के साथ तलाश कर रही है।
पार्टी के राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) वी सतीश इसी खेल के अंपायर बनकर पार्टी हाईकमान को पूरी रिपोर्ट देने वाले हैं, ताकि हार जीत का फैसला किया जा सके।
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