273 रूट पर प्राइवेट ऑपरेटर्स को जारी परमिटों के विरोध में रोडवेज बसों के चक्का जाम से यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए सरकार अब सख्त हो गई है। 3 दिन से जारी हड़ताल को लेकर कर्मचारियों पर अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगाने की तैयारी है। रोडवेज के 120 कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं। कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी हैं।डीसी-एसपी को बस संचालन में बाधा डालने वालों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। रोडवेज बसें चलाने के लिए सरकार डीसी रेट पर चालकों-परिचालकों की भर्ती पर विचार कर रही है, ताकि हड़ताली कर्मचारी वापस नहीं आते तो उनसे बसें चलवाई जा सके। उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम करने होंगे, यह भी देखा जा रहा है। वहीं, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बुधवार रात 8 बजे रोडवेज की 8 कर्मचारी यूनियनों में से 4 के साथ बैठक की। लेकिन कोई सहमति नहीं बनी। मंत्री ने मांगों पर सीएम से बात करने का आश्वासन दिया। गुरुवार को यूनियनों को वार्ता के लिए बुलाया है। बैठक सुबह करीब 10 बजे हो सकती है।
- पंजाब, हिमाचल, दिल्ली से एनएच-1 और सिरसा-दिल्ली रूट पर ज्यादा से ज्यादा बसें चलाने का आग्रह किया है। ताकि यात्रियों को असुविधा कम से कम हो।
- पंजाब के साथ लगते क्षेत्रों में पंजाब की बसों का आवागमन बढ़वाया गया है।
- 844 रूटों पर प्राइवेट बस आॅपरेटरों की बसें सुचारू रूप से चलाने को सुनिश्चित किया गया है। उन्हें सुरक्षा दी गई है। रोडवेज कर्मियों की छुट्टियां रद्द।
- मुख्यालय पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस भेजनी होगी। नाइट ड्यूटी वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूचियां मांगी गई है।
- यह भी बताना होगा कि वे ड्यूटी पर रहे हैं या नहीं। जो लोग बस संचालन में बाधा डाल रहे हैं, उनकी सूची ई-मेल से मांगी गई है।
- सबसे ज्यादा प्रभावित रूटों की लिस्ट मांगी। ताकि वैकल्पिक इंतजाम किए जा सकें।
जॉइंट एक्शन कमेटी के सदस्य दलबीर किरमारा ने बताया कि कर्मचारी एस्मा लगाने या निलंबन जैसी कार्रवाई से झुकने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ सरकार बातचीत कर रही है। दूसरी ओर सस्पेंशन किया जा रहा है।
स्टेट क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाने की संभावना है। इसमें हड़तालियों पर एस्मा का फैसला हो सकता है। परिवहन विभाग के एसीएस एसएस ढिल्लों के अनुसार 3 दिन में रोडवेज काे 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। रोडवेज की हड़ताल के कारण लोगों को निजी बसों में जान जोखिम में डाल यात्रा करनी पड़ रही है।
स्टेट क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाने की संभावना है। इसमें हड़तालियों पर एस्मा का फैसला हो सकता है। परिवहन विभाग के एसीएस एसएस ढिल्लों के अनुसार 3 दिन में रोडवेज काे 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। रोडवेज की हड़ताल के कारण लोगों को निजी बसों में जान जोखिम में डाल यात्रा करनी पड़ रही है।
एक टिप्पणी भेजें