पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 3 साल के लंबे संघर्ष के बाद 9,445 जेबीटी की नियुक्ति पर लगी रोक हट चुकी है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से चयनित जेबीटी को नियुक्ति देने का काम बड़े स्तर पर जारी है। शुक्रवार शाम तक प्रदेशभर में करीब 6785 जेबीटी को नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं। सरकार ने शिक्षकों के दबाव में आकर नियुक्ति पत्र तो सौंप दिए, लेकिन स्टेशन अलॉट नहीं किए जा रहे हैं। प्रदेश भर में सिर्फ दो जिलों पानीपत में 160 और मेवात में 135 जेबीटी को ही स्टेशन अलॉट हो पाए हैं। बाकी जिलों में जेबीटी की डीईओ या बीईओ दफ्तरों में हाजिरी लगाकर दिनभर वहीं बैठाया जा रहा है। फिलहाल शिक्षकों को जिला मुख्यालयों पर ज्वाइन कराया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कम संख्या में नियुक्ति पत्र मिलने का कारण कुछ का मेडिकल होना वेरिफिकेशन होना जैसी दिक्कतें हैं। कई अभी नियुक्ति पत्र लेने ही नहीं पहुंचे। शिक्षकों में ज्वाइनिंग के बाद स्टेशन अलॉट होने से रोष पनप रह है।
दूसरी ओर जिला मुख्यालयों पर ज्वाईन कर चुके शिक्षकों का कहना है कि चार साल की लड़ाई के बाद नियुक्ति पत्र मिले हैं। अब स्टेशन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। शिक्षकों ने कहा कि वे स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। यहां बैठाकर समय बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षक स्कूल अलॉट होने के बारे में डीईओ से जवाब मांगते हैं तो कहा जाता है, उन्हें चयनित जेबीटी को जिला मुख्यालय पर जॉइन कराने के आदेश मिले हैं। स्टेशन अलॉट करने के आदेश फिलहाल नहीं पहुंचे, जैसे ही आदेश मिलते हैं, स्टेशन अलॉट कर दिए जाएंगे। चंडीगढ़ में अधिकारियों को जॉइनिंग रिपोर्ट भेज दी गई है।
- 15 मई तक अलॉट होंगे स्टेशन - शिक्षा मंत्री: फिलहाल सभी चयनित जेबीटी को नियुक्ति पत्र देने का डाटा कंप्यूटरों में एकत्रित किया जा रहा है। यह आंकड़ा ऑनलाइन होने के बाद जिन स्कूलों में सीटें खाली हैं उसके हिसाब से स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। मैंने इस बारे में रिपोर्ट ली है। 15 तक सभी शिक्षकों को स्टेशन अलॉट कर दिए जाएंगे। - रामबिलासशर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार।
- ऐसी कोई शिकायत नहीं आई - पीके दास: मेरे पास स्टेशन अलॉट किए जाने संबंधी कोई शिकायत नहीं आई। इस संबंध में न तो जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से बताया गया न ही शिक्षकों ने कोई शिकायत दी। ऐसा है तो इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर समस्या का समाधान निकाला जाएगा। - पीकेदास, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, शिक्षा विभाग हरियाणा।
- हुडा सरकार ने वर्ष 2013 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की। 2014 में जेबीटी का चयन किया गया। इस बीच एक उम्मीदवार ने हाईकोर्ट में भर्ती को चुनौती देते हुए याचिका दायर दी। आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया के दौरान उसे शैक्षणिक योग्यता के दो अंक अधिक मिलने चाहिए थे। जिसमें लाभ दे दिया, लेकिन इंटरव्यू में हासिल अंकों में से उसके दो अंक काट लिए। इससे वह चयन से वंचित रह गया। सरकार ने हाईकोर्ट में दिए जवाब में कहा- डाटा कंप्यूटरीकृत है। हाईकोर्ट ने इंटरव्यू का वह दस्तावेजी रिकार्ड मांगा था, जिसमें चयन कमेटी के सदस्यों ने उम्मीदवारों को अंक दिए थे, लेकिन सरकारने कहा था कि डाटा कंप्यूटर में अपलोड करने के बाद यह दस्तावेजी रिकार्ड नष्ट कर दिए गए। याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा रिकार्ड नष्ट नहीं किया जा सकता। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी। बाद में एकल बेंच ने इस रिकाॅर्ड की सीएफएसएल से जांच कराई, जिसमें गड़बड़ नहीं पाई तो भर्ती से रोक हटाते हुए याचिकाएं खारिज कर दी, लेकिन असफल रहे उम्मीदवारों ने डबल बेंच में अपील की। कहा- कंप्यूटरों में रिकाॅर्ड की दोबारा जांच करवाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार जांच पूरी की जा चुकी है और कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला तो फिर से जांच की क्या आवश्यकता है। हालांकि सरकार ने बताया कि उनके पास भर्ती के रिजल्ट से जुड़ा रिकार्ड पेन ड्राइव में मौजूद है, हाईकोर्ट ने कहा कि यह बेहतर होगा कि कंप्यूटरों में मौजूद रिकार्ड का मिलान पेन ड्राइव में मौजूद रिकार्ड से किया जाए। इससे स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। रिकार्ड का मिलान करने के बाद डबल बेंच ने भर्ती पर लगी रोक हटा दी गई है।
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