2 साल जेबीटी यानी डीएड कोर्स कर डिप्लोमा लेने की बाट जोह रहे उम्मीदवारों को कोर्ट ने झटका दिया है। अब उन्हें दो साल के कोर्स के बाद 180 दिन की इंटर्नशिप अनिवार्य तौर पर करनी ही होगी। उसके बाद ही डिप्लोमा पूरा होगा। कोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अब तैयारी कर ली है व जुलाई माह से इंटर्नशिप शुरू कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के शिक्षा विभाग एवं विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से दो साल के डीएड यानी जेबीटी कोर्स की अंतिम परीक्षा होने के बाद इंटर्नशिप का प्रावधान किया गया था। विगत वर्ष कुछ उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप खत्म किए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने गत वर्ष इंटर्नशिप पर स्टे किया था। मामला चलता रहा व अब कोर्ट ने याचिका को खारिज किया है।
यह भी बता दें कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के द्वारा ही परीक्षा ली जाती है व कोर्स का सर्टिफिकेट बोर्ड के द्वारा ही दिया जाता है तो इंटर्नशिप की प्रक्रिया भी बोर्ड के द्वारा ही पूरी करवाई जाती है। इसके लिए बोर्ड के द्वारा आॅनलाइन च्वाॅयस मांगी जाती है व वरीयता के आधार पर स्कूल अलाॅट किए जाते हैं।
उम्मीदवार हताश, एक साल और होगा खराब
वहीं इस फैसले के बाद जेबीटी कोर्स कर रहे उम्मीदवारों ने हताशा जताई है तो साथ ही कहा कि इससे एक साल खराब हो जाएगा क्योंकि बीस दिन की टीचिंग प्रैक्टिस में भी विद्यार्थी पढ़ाना तो सीख ही लेते हैं। ऐसे में 180 दिन की इंटर्नशिप का कोई तुक नहीं है क्योंकि इस अवधि में उम्मीदवार किसी परीक्षा की तैयारी अथवा ग्रेजुएशन में प्रवेश लेते हैं। वहीं स्कूली अध्यापकों ने भी इसे गलत करार दिया। कोर्ट के फैसले के बाद कोर्स कर रहे अभ्यर्थियों को झटका लगा है क्योंकि कोई ग्रेजुएशन में प्रवेश की बाट जोह रहा था तो कोई डिप्लोमा पूरा होते ही निजी स्कूल में नौकरी के लिए तैयार था।
हमारी पोस्ट पसंद आई तो कमेंट, लाईक व शेयर जरूर करें..
उम्मीदवार हताश, एक साल और होगा खराब
वहीं इस फैसले के बाद जेबीटी कोर्स कर रहे उम्मीदवारों ने हताशा जताई है तो साथ ही कहा कि इससे एक साल खराब हो जाएगा क्योंकि बीस दिन की टीचिंग प्रैक्टिस में भी विद्यार्थी पढ़ाना तो सीख ही लेते हैं। ऐसे में 180 दिन की इंटर्नशिप का कोई तुक नहीं है क्योंकि इस अवधि में उम्मीदवार किसी परीक्षा की तैयारी अथवा ग्रेजुएशन में प्रवेश लेते हैं। वहीं स्कूली अध्यापकों ने भी इसे गलत करार दिया। कोर्ट के फैसले के बाद कोर्स कर रहे अभ्यर्थियों को झटका लगा है क्योंकि कोई ग्रेजुएशन में प्रवेश की बाट जोह रहा था तो कोई डिप्लोमा पूरा होते ही निजी स्कूल में नौकरी के लिए तैयार था।
हमारी पोस्ट पसंद आई तो कमेंट, लाईक व शेयर जरूर करें..
एक टिप्पणी भेजें