Haryana Patrika Education एक नजर : नवचयनित जेबीटी की नियुक्ति प्रक्रिया

एक नजर : नवचयनित जेबीटी की नियुक्ति प्रक्रिया

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बेशक बुलंद आवाज में प्रशासनिक गाड़ी को दूसरे गियर में डालने का दम भर चुके हैं लेकिन प्रशासनिक अमले तक उनकी बात अब भी हिचकौले खाती हुई पहुंच रही है। ताजा उदाहरण मुख्यमंत्री के गृह जिले रोहतक में नवचयनित जे.बी.टी. की नियुक्ति को लेकर दिखा। सरकार के लिए चुनौती बनी नवचयनित की नियुक्तिप्रक्रियां यहां बेहद धीमी गति से चल रही है। हैरानी की बात ये है कि शिक्षा निदेशालय के सख्त आदेश के बावजूद रोहतक का जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय रविवार को बंद था। जबकि नियुक्ति के इंतजार में जेबीटी सुबह से ही कार्यालय में जुटने शुरू हो गए थे। यहां बंद कार्यालय के बाहर नियुक्तियों को अलग ही खुसर-पुसर हो रही थी।
सूत्रों की मानें तो रविवार को मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बेशक बंद रहा हो लेकिन कहीं और नियुक्ति का काम जोरों पर चल रहा था। कहा जा रहा है कि अपने उम्मीदवारों को ‘राहत’ देने के चक्कर में कुछ लोग परदे की पीछे बैठकर जोड़-तोड़ कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 27 अप्रैल को राज्य सरकार ने नवचयनित जेबीटी की नियुक्तिप्रक्रिया तुरंत चालू करने के आदेश दिए थे। इसी के चलते शिक्षा निदेशालय ने 28 से 30 अप्रैल तक होने वाली तीन दिन की छुट्टियां रद्द करते हुए प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय खुले रखने के आदेश दिए गए थे। इन तीन दिनों में नवचयनित जेबीटी को नियुक्तिदेने की सारी औपचारिकताएं पूरी की जानी थी ताकि सोमवार से मेडिकल प्रक्रिया निपट सके।
कमाल की बात यह है कि यमुनानगर, कैथल, करनाल आदि जिलों में नियुक्तिपत्र जारी भी कर दिए गए मगर रोहतक अब भी प्रक्रिया की माथा-पच्ची में उलझा है। ध्यान देने योग्य ये भी है कि यमुनानगर में 1012 नवचयनित जेबीटी होते हुए भी नियुक्ति पत्र दे दिए गए जबकि रोहतक में केवल 64 उम्मीदवार ही हैं। इतना ही नहीं हिसार में कल रात साढ़े नौ बजे नवचयनित को नियुक्त पत्र जारी किए गए हैं। ऐसे में रोहतक के जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय की चाल में ‘खोट’ का संदेह पैदा हो रहा है। सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है कि नियुक्ति पत्र का अधिकार बेशक नवचयनित जेबीटी ने कोर्ट से लिया है लेकिन नियुक्ति स्टेशन के लिए यहां भी नेता और अफसरों की ‘कृपा’ जरूरी लग रही है।
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