Categories Updates

सरकारी नौकरी : भर्ती की रफ्तार सुस्त, 50 हजार से ज्यादा में से अभी तक 4700 की नियुक्ति

हरियाणा में पिछली कांग्रेस सरकार और मौजूदा बीजेपी सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश तथा रोजगार के मसले पर भले ही एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करते रहें हों, लेकिन सरकारी नौकरियां देने के मामले में यह सरकार अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद के आरोपों के बीच पिछली हुड्डा सरकार ने हर साल करीब छह हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां दी, जबकि सुशासन और पारदर्शिता का दम भरते हुए मौजूदा मनोहर सरकार ढ़ाई हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां दे पाने में कामयाब हो रही है। 
मत्स्य पालन विभाग की फिशरमैन और वाचमैन की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं सामने आने के बाद विपक्ष को इस सरकार के कार्यकाल में चल रही भर्तियों पर भी अंगुली उठाने का मौका मिल गया। हरियाणा में औद्योगिक विकास और रोजगार उपलब्ध कराने के मसले पर हुड्डा व मनोहर अपनी सरकारों को अव्वल बताने का कोई मौका नहीं चूक रहे, लेकिन हमेशा से विवादों का कारण बनती आई सरकारी नौकरियों के मसले पर स्थिति विपरीत है। प्रदेश का कोई राजनेता ऐसा नहीं है, जिसने सरकारी नौकरियां दिलाने के नाम पर जनता को अपने पीछे नहीं लगाया। यह अलग बात है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने पारदर्शिता का दम भरा और इसका नतीजा यह हुआ कि सरकारी नौकरियों के लिए सांसदों और विधायकों के पीछे-पीछे चलने वालों की संख्या छंट गई है। 

भाजपा सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से अपने सवा दो साल के कार्यकाल में 51 हजार भर्तियां निकाली हैं। यह उन 50 हजार भर्तियों से अलग हैं, जो अनुबंध के आधार पर जिला स्तर पर होनी हैं। कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी की भर्तियां की जाती हैं, जबकि चतुर्थ श्रेणी की भर्तियां जिला स्तरीय चयन कमेटियों के माध्यम से विभागीय निदेशकों की देखरेख में होती हैं। मत्स्य पालन विभाग में धांधली की शिकायत के बाद सरकार ने अब निदेशकों से यह पावर भी छीन ली है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग सवा दो साल में 4700 कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर पात्रों को ज्वाइन करा चुका है, जबकि 37 हजार कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। करीब नौ हजार कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पाइप लाइन में हैं। हुड्डा सरकार के दस साल के कार्यकाल में आयोग ने करीब 60 हजार सरकारी नौकरियां देने की बात कही है, जिसे सर्व कर्मचारी संघ अधिक बढ़ा चढ़ाकर पेश किया दावा मानता है। यानी छह हजार युवाओं को हर साल नौकरियां दी गईं। खेल कोटे के तहत मनोहर सरकार ने अभी कोई नौकरी नहीं दी, जबकि हुड्डा सरकार ने करीब सवा चार सौ नौकरियां देने का दावा किया है। इन भर्तियों में दक्षिण, मध्य और उत्तर हरियाणा को कितना प्रतिनिधित्व मिला, यह आंकलन वहां के लोगों का अपना खुद का हो सकता है, मगर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिसके आधार पर क्षेत्रवार नौकरियों के आवंटन का गणित निकाला जा सके।

सवा दो साल में हमने 51 हजार भर्तियां निकालीं। और भी निकल रही हैं। विभिन्न विभागों से उनकी जरूरत के हिसाब से भर्तियों की रिक्वायरमेंट देने को कहा गया है। 4700 लोगों को हम ज्वाइन करा चुके। बाकी प्रक्रिया चल रही है। – भारत भूषण भारती, चेयरमैन, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग

More From Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

लिपिकों ने शुरू की सांकेतिक हड़ताल – 35400 बेसिक-पे की मांग के लिए बैठे हड़ताल पर

हरियाणा के लिपिकों ने सोमवार से मूल वेतन 35400 बढ़ाने की मांग को लेकर सभी…

कोरोना के ढलते हुए ग्राफ के चलते हरियाणा में खुल सकते हैं स्कूल

लगातार कम हो रहे कोरोना ग्राफ के चलते हरियाणा में स्कूल खोले सकते हैं। खबरें…

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास – कक्षा 12वीं तक मिलेगा यूनिफार्म और स्टेशनरी कर खर्च

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास – कक्षा 12वीं तक मिलेगा यूनिफार्म और…