एचएसएससी (हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा आयोजित क्लर्क भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने की शुरुआत 13 नवंबर को हुए पहले पेपर में हो गई थी। पुलिस का दावा है कि पकड़ में आए आरोपियों ने यह बात स्वीकारी है।
विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए 13, 20, 27 नवंबर और 4, 11 दिसंबर को परीक्षा हुई थी। 11 दिसंबर की परीक्षा में आंसर-की लीक होने का मामला पकड़ में आया था। उसके बाद पेपर लीक करने वाले पानीपत के पवन सैनी को पुलिस ने पकड़ा था। अब पुलिस ने आंसर-की लीक के मास्टर माइंड जितेंद्र सिवाच से जैमर कंपनी सुपरवाइजर की अजय जांगड़ा की मुलाकात कराने वाले जींद जिले के निडानी गांव के नरेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। जितेंद्र सिवाच पहले ही पेपर लीक करने की प्लानिंग कर रहा था। पहले पानीपत में एक परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी देने वाले पीटीआई पवन सैनी से सौदा किया। उसके बाद निडानी के नरेश ने जैमर कंपनी सुपरवाइजर अजय जांगड़ा से मुलाकात करवाई। एसआईटी के डीएसपी विजय देशवाल के मुताबिक अब उन दलालों की तलाश है जिन्होंने परीक्षार्थियों से संपर्क किया।
विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए 13, 20, 27 नवंबर और 4, 11 दिसंबर को परीक्षा हुई थी। 11 दिसंबर की परीक्षा में आंसर-की लीक होने का मामला पकड़ में आया था। उसके बाद पेपर लीक करने वाले पानीपत के पवन सैनी को पुलिस ने पकड़ा था। अब पुलिस ने आंसर-की लीक के मास्टर माइंड जितेंद्र सिवाच से जैमर कंपनी सुपरवाइजर की अजय जांगड़ा की मुलाकात कराने वाले जींद जिले के निडानी गांव के नरेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। जितेंद्र सिवाच पहले ही पेपर लीक करने की प्लानिंग कर रहा था। पहले पानीपत में एक परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी देने वाले पीटीआई पवन सैनी से सौदा किया। उसके बाद निडानी के नरेश ने जैमर कंपनी सुपरवाइजर अजय जांगड़ा से मुलाकात करवाई। एसआईटी के डीएसपी विजय देशवाल के मुताबिक अब उन दलालों की तलाश है जिन्होंने परीक्षार्थियों से संपर्क किया।
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