हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के हाथों से एचटेट (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) अब निकलती नजर आ रही है। भविष्य में यह परीक्षा शिक्षा बोर्ड नहीं हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन) करवाएगा। इसके साथ ही एचटेट पास करने वालों की सीधे शिक्षक पद पर भर्ती का रास्ता भी साफ जाएगा।
हालांकि अभी इस पर मंथन चल रहा है और उम्मीद है कि शीघ्र अंतिम फैसला लिया जा सकता है। लेकिन परीक्षा का आयोजन हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के हाथों में जाना तय है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अधिकारिक सूत्र भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। प्रदेश सरकार एचटेट के आयोजन में बदलाव की तैयारी कर रही है। साथ ही यह भी विचार किया जा रहा है कि बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है कि एचटेट पास करने पर अलग से लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़े। संभव है कि एक बार परीक्षा पास करने पर तीन से पांच साल के लिए पात्रता मान्य होगी और उसी के हिसाब से विभाग में नियुक्ति की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को भी अवगत करवाया जा चुका है। इस कारण बोर्ड प्रशासन ने एचटेट की तैयारियों को ऐन वक्त पर थाम दिया गया है। एचटेट को स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के हवाले करने से संबंधित पुष्टि एक उच्चाधिकारी ने की है।
कई तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरा है एचटेट:
पहली बार स्टेट की परीक्षा 2008 में हुई
दूसरी परीक्षा 2009 में हुई
2011 में स्टेट की बजाय एचटेट नाम दिया गया और 11 जिलों में परीक्षा नहीं करवाने की परिपाटी शुरू हुई। स्टेट पर सवाल खड़े हुए और हाईकोर्ट के आदेश पर की गई जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई।
2015 में शिक्षा मंत्री ने सभी जिलों में एचटेट करवाने के लिए कड़ा संज्ञान लिया और पुरानी परिपाटी बदली गई।
आयोग करता है भर्ती परीक्षा का आयोजन: पिछले दिनों प्रदेश में हर रविवार को विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की भर्ती परीक्षा हर जिले में आयोजित की गई थी। हालांकि इस परीक्षा के दौरान भिवानी में ही प्रश्न पत्र लीक करने की घटना भी घटित हुई थी और पूरा गिरोह पकड़ में भी आया था। यह अलग बात है कि इसके बावजूद भी परीक्षा रद नहीं की गई थी।
22 विषयों की होती है परीक्षा: हरियाणा पात्रता परीक्षा 22 विषयों में आयोजित की जाती है। बात यदि शिक्षा बोर्ड की करें तो सन 2008 से लगातार यह परीक्षा संचालित करवाई जा रही है। नौ साल बाद इस परीक्षा का संचालन बोर्ड के हाथों से वापस लिया जा रहा है।
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