महंगे प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब देश भर के सरकारी स्कूलों में भी आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा। इसके तहत स्कूल के छात्रों और शिक्षकों की हाजिरी से लेकर क्लास में उनके प्रदर्शन और मिड डे मील के लिए आने वाले सामान तक के बारे में सूचना ऑनलाइन उपलब्ध होगी। यह व्यवस्था ना सिर्फ हर स्तर पर जवाबदेही बढ़ाएगी, बल्कि कामकाज में पारदर्शिता लाकर भ्रष्टाचार भी दूर करेगी। इसके लिए अगले महीने तक ‘यूनिफाइड डिजिटल सिस्टम’ (यूडीएस) को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अगले शैक्षणिक सत्र से देश भर में इसे लागू करने की तैयारी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान को जोरदार तरीके से लागू करने की तैयारी कर ली है। पहले चरण में इसमें शिक्षकों और छात्रों की सूचना और उनकी हाजिरी, छात्रों की उपलब्धि, मिड डे मील संबंधी पूरी इंवेंट्री और प्रबंधन आदि को शामिल किया जा रहा है। बाद के चरण में स्कूलों में अध्यापन के लिए ई-कंटेंट रिसोर्स मॉड्यूल भी इसी पर मिल जाएंगे। इसी तरह शिक्षकों को सेवा के दौरान दिए जाने वाले प्रशिक्षण, उनके पे-रोल, और वेतन प्रबंधन, स्थानांतरण, शिकायत निवारण और मेडिकल रीइंबर्समेंट आदि भी उपलब्ध हो जाएंगे।
एकीकृत डिजिटल व्यवस्था (यूडीएस) के बारे में मंत्रलय के एक वरिष्ठ सूत्र कहते हैं, ‘यह व्यवस्था सरकारी अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन ही नहीं शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों सभी के लिए उपयोगी होगी। यह ऐसी व्यवस्था है जो एक साथ एक ही जगह स्कूली शिक्षा के सभी आंकड़े मुहैया करवा देगी। इस तरह स्कूली शिक्षा के सारे आंकड़े कागजों के बजाय पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगे। अभी इस दिशा में कई प्रयास जरूर हो रहे हैं, लेकिन वे सब टुकड़ों में अलग-अलग हैं।’
इस संबंध में छह राज्यों में पहले से हो रहे प्रयासों पर भी नजर रखी जा रही है। ये राज्य हैं- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र। इनमें आइटी के इस्तेमाल को लेकर अब तक जो पहल हुई है, उन पर विशेषज्ञों के जरिये आकलन करवाया जा रहा है।
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