Haryana Patrika Updates एसबीआई में पांचों सहयोगी बैंकों का हुआ 'विलय'

एसबीआई में पांचों सहयोगी बैंकों का हुआ 'विलय'

एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) में एक अप्रैल से उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हो जाएगा। सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) शामिल हैं। हालांकि विलय से इन बैंकों के ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।  उनके पास जिस भी बैंक के खाते, पास बुक या चेक बुक हैं वे अब एसबीआई के माने जाएंगे। एसबीआई प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया है कि विलय के बाद बैंक डिपॉजिट और लोन, दोनों पर एसबीआई की ब्याज दरें लागू होंगी। जहां तक कर्मचारियों की बात है तो मर्जर की योजना के मुताबिक सहयोगी बैंकों के अधिकारियों-कर्मचारियों को पहले की तरह वेतन और भत्ते मिलते रहेंगे। 
  • अमरिंदर सिंह के दादाजी ने की थी एसबीपी की स्थापना: स्टेट बैंक आॅफ पटियाला की स्थापना 1917 में तत्कालीन पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह ने की थी। इसकी शुरुआत कृषि, व्यापार और उद्योग की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हुई थी। पंजाब में हाल में बनी कांग्रेस सरकार के मुख्य अमरिंदर सिंह, महाराजा भूपिंदर सिंह के पोते हैं। 
  • उस्मानियाई सिक्के का प्रबंधन करता था स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद: स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद की स्थापना 8 अगस्त 1941 को हैदराबाद स्टेट के केंद्रीय बैंक के रूप में हुई थी। आंध्र प्रदेश का तेलंगाना क्षेत्र, कर्नाटक, महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र इसके दायरे में आते थे। यह अपनी मुद्रा उस्मानिया सिक्का, कमर्शियल बैंकिंग के अलावा सरकारी कर्ज का प्रबंधन करता था। 
  • भारतरत्न विश्वेश्वरैया ने की थी एसबीएम की स्थापना:स्टेट बैंक ऑफ मैसूर की स्थापना 103 साल पहले 1913 में महान इंजीनियर, राजनेता भारतरत्न डॉ. सर एम. विश्वेश्वरैया की अध्यक्षता वाली समिति के नेतृत्व में हुई थी। तत्कालीन मैसूर रियासत के महाराजा कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ ने संरक्षण दिया था। इसमें एसबीआई की 90% हिस्सेदारी थी। 
  • बीकानेर नाम पहले रखने की शर्त पर बना था एसबीबीजे: 1963 में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और स्टेट बैंक ऑफ जयपुर का विलय हुआ था। स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर बड़ा था, इसलिए वह इस शर्त पर विलय के लिए राजी हुआ कि नए बैंक के नाम में उसका नाम पहले आएगा। इससे पहले मई 2010 बैंक ऑफ राजस्थान का आईसीआईसीआई बैंक में विलय हुआ था। 
  • केरल का अपना बैंक कहा जाता है स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर: इसने करीब 72 साल तक सेवाएं दी। ‘केरल का अपना बैंक’ कहे जाने वाले इस बैंक के सम्मान में राज्य सरकार एसबीटी के लोगो वाला लिफाफा जारी करेगी। इसकी स्थापना त्रावणकोर बैंक लिमिटेड के रूप में 1945 में हुई थी। इसे त्रावणकोर की तत्कालीन रियासत ने प्रायोजित किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

डिजिधन योजना : पहले ड्रा में घोषित हुए 15000 लक्की विजेताडिजिधन योजना : पहले ड्रा में घोषित हुए 15000 लक्की विजेता

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई सरकारी योजना के तहत चार श्रेणियों में 15,000 लोगों को विजेता चुना गया है। ये विजेता 9 नवंबर से 21

ISRO : देश कहे तो अपना स्पेश स्टेशन बना देंगेISRO : देश कहे तो अपना स्पेश स्टेशन बना देंगे

ISRO के चैयर पर्सन एएस किरण कुमार ने कहा है कि सरकार कहे तो इसरो अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित कर सकता है। एक साथ 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कराकर

अब बनेंगे स्मार्ट कार्ड आधारित ड्राइविंग लाइसेंसअब बनेंगे स्मार्ट कार्ड आधारित ड्राइविंग लाइसेंस

प्रदेश में भी अब स्मार्ट कार्ड आधारित ड्राइविंग लाइसेंस बनने जा रहे है। इसके साथ ही वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र एवं परमिट भी ऑनलाइन होगा। सूत्रों की मानें तो स्टेट